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Aawas Vikas Railway Crossing,
AKHIL (guest)
wrote
13 years ago:
AWAS VIKAS IS A NICE SOCIETY
AMIT KUMAR RAWAT LL.M (advocate) , RAJEEV RATAN "RAJVANSHI" (advocate), VIKAS VERMA (advo.), MAHESH KUMAR (advo), RAJASWA ABHILEKHAGAR (OLD) KACHERI PARISAR _ UNNAO,
पासी समाज उत्तर प्रदेश (guest)
wrote
13 years ago:
'' पासी समाज उत्तर प्रदेश ''
लखनऊ को बसाने वाले वीर शिरोमणि लाखन पासी…..
भारत वर्ष के दुरूह सामाजिक व्यवस्था में दलितों को अपना इतिहास बचाये रखना एक कठिन कार्य है। महाराजा लाखन पासी के इतिहास के साथ भी यही विवाद खड़ा करने का प्रयास किया गया है। इतिहासकारों और विद्धान लेखकों के निष्पक्ष कथनों की उपेक्षा कर यह साबित करने का प्रयास किया जा रहा है कि लखनऊ को महाराजा लाखन पासी ने नहीं बसाया। सत्यता यह है कि अंग्रेज शासकों ने पूरी छानबीन और गहन पड़ताल के बाद पाया कि लखनऊ को राजा लाखन पासी ने बसाया था। इसी आधार पर ब्रिटिश शासन काल में 1940 के दशक में प्राथमिक विद्यालयों में यह पढ़ाया जाता था कि लखनऊ को महाराजा लाखन पासी नें बसाया था। ये पुस्तकें नवाबी शासन काल के समय में मुंशी नवल किशोर के प्रेस, हजरतगंज, लखनऊ से प्रकाशित हुई थी। खेद है कि आजादी के बाद से प्राथमिक विद्यालयों के पाठ्यक्रम से एक कुचक्र के अन्तर्गत इसे निकाल दिया गया है।
प्रसिद्ध इतिहासकार अब्दुल हलीम शरर ने अपनी पुस्तक ‘अवध का इतिहास‘ में लिखा है कि राजा परीक्षित और उनके पुत्रों के शासनकाल के बाद अवध का यह क्ष्ेात्र ऋषियों-मुनियों को मिल गया था। लेकिन ये लोग सांसारिक लिप्सा में अत्यन्त कमजोर हो गये। तब हिमालय की पहाडि़यों से भर पासियों ने आकर इस पूरे क्षेत्र पर कब्जा कर लिया और अपने राज्य स्थापित कर लिये।
श्री मोहम्मद अब्दुल हलीम शरर ने अपनी पुस्तक ‘मुजश्तः लखनऊ‘ (हिन्दी संस्करण) के पृष्ठ 28 पर उल्लेखित किया है कि ”यह भी कहा जाता है कि महाराजा युधिष्ठिर के पोते राजा जन्मेय ने यह इलाका (अर्थात संपूर्ण अवध प्रान्त का क्षेत्र) लखनऊ के मरताज बुजुर्गों, ऋषियों और मुनियों को जागीर में दे दिया था, जिन्होंने यहाँ चप्पे-चप्पे पर अपने आश्रम बनाये और हरि के ध्यान में मग्न हो गये। एक मुद्दत के बाद इनको कमजोर देख कर दो नई कौमें हिमालय की तराई से आकर इस मुल्क में काबिज हो गयी। जो बाहम मिलती-जुलती और एक ही नस्ल की दो शाखाऐं मालूम होती हैं एक भर और दूसरी पासी।“
विद्धान लेखक श्री मंसाराम विद्रोही ने अपने पुस्तक ‘दलित दस्तावेज‘ में लिखा है कि अवध के पूरे क्षेत्र पर पासियों का राज था। श्री मंसाराम विद्रोही ने अपनी पुस्तक ‘दलित दस्तावेज‘ के पृष्ठ 75 पर उल्लेखित किया है कि ”उत्तर प्रदेश में लगभग सभी रियासतों पर पासियों का अधिकार था। मुसलमानों ने धीरे-धीरे सभी रियासतों को पासी राजाओं से छीन लिया। लखनऊ रियासत पर लखना पासी के वंशजों का अधिकार था। सन् 1760 में नवाब आसफुद्दौला ने लखनऊ के पासी जमींदार से लखनऊ को छीना और अपनी राजधानी बनाया। उस समय लखनऊ मात्र एक ग्राम था। सन् 1850 ई. में लखनऊ की जनसंख्या 10 लाख के आस-पास थी। नवाब वाजिद अली शाह के समय लखनऊ के आस-पास के राजा पासी जाति के थे जो वाजिद अली शाह को कर देते थे। रामनगर धीमरा रियासत के एक राजा गुरुबक्श सिंह थे जो पासी जाति के थे।“
श्री योगेश पेरवीन ने अपनी पुस्तक ‘दास्तानें अवध‘ में राजा लाखन पासी का उल्लेख किया है। विद्धान चन्द्रिका प्रसाद जिज्ञांसू ने भी अपनी पुस्तक में यह स्पष्ट लिखा है कि लखनऊ को लाखन पासी ने बसाया था। अंग्रेज विद्धान सर इलियट ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि अयोध्या के राजा रामचन्द्र के शासन काल की समाप्ति के पश्चात् बहुत समय तक इतिहास अन्धकारमय रहा। लेकिन जब से इतिहास की जानकारी हुई तो यह तथ्य सामने आया कि अयोध्या के पश्चिमी क्षेत्र जिसमें आज के बहराइच, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, लखनऊ, उन्नाव एवं रायबरेली आदि जिले आते हैं, पर पासियों का वृहद राज्य स्थापित हो गया था।
"Sir C.Elliott states in his Chronicles of Unnao that after the close of the heroic age where Ayodhya was held by the Suryavanshi Rajputs under the great Rama, we find after an interval of historic darkness that Ayodhya has been destroyed, the Suryavanshi uttenlly banished and a long extent of country is being ruled over by aborigines called Cheros in the far East, Bhars in the centre and Pasis in the West."
लखनऊ गजेटियर (ब्रिटिश काल) खण्ड ग्ग्ग्टप्प् पृष्ठ 137, 138 पर लिखा है कि ”जिले के प्राचीन स्थानों की संख्या बहुत थोड़ी है। अधिकतर टीले या डील जो विद्यमान है, भरों और पासियों के बताये जाते हैं। ऐसा ही पुराने स्थलों उदाहरणार्थ: बिजनौर एवं महोना (लखनऊ के परगने) आदि के संबंध में है।
“यह सब इस बात से स्पष्ट प्रमाण है कि लखनऊ एवं उसके आस पास के समस्त जिलों पर पासियों का राज्य था और लखनऊ को राजा लाखन पासी ने बसाया था। महाराजा लाखन पासी के समय लखनऊ एक छोटा नगर था। आज जहां लखनऊ मेडिकल कालेज एवं टीले की मस्जिद है यह स्थान महाराजा लाखन पासी का किला और उससे संबद्ध भवन हुआ करते थे। कालान्तर में उन पर राजपूतों और मुसलमानों के हमले होते रहे और संरक्षण के अभाव में ये ऐतिहासिक धरोहर नष्ट होती गयी।
विश्व प्रसिद्ध लेखक श्री आर. वी. रसल ने अपनी पुस्तक ‘दि ट्राइब्स एण्ड कास्ट्स आफ दि सेन्ट्रल प्राविन्सेस आफ इण्डिया‘ में लिखा है कि पासी एक द्रविण जाति, अर्थात भारत के मूल निवासी, है। उनका अवध के एक बहुत बड़े भू-भाग पर आधिपत्य था। कालान्तर में राजपूतों ने उन पर अपना अधिकार कर लिया।
Eminent writer R.V. Russel in his book : "The Tribes and Castes of the Central Provinces of India" published in 1916 from London has stated " It would appear then that the Pasis were a Dravadian tribe who held a part of Avadh before it was conquered by the Rajputs."
लखनऊ में स्थित गढ़ी, किलों के भग्नावशेष, उत्खनन में प्राप्त सामग्री अनेंकों इतिहासकारों और विद्धानों के मत, लेख तथा राज्य गजेटियरों में दिये गये वर्णन सभी इस बात की स्पष्ट पुष्टि करते हैं कि लखनऊ नगर को राजा लाखन पासी ने बसाया था। _'' Fb/पासी समाज उत्तर प्रदेश ''
AMIT KUMAR RAWAT LL.M (advocate) , RAJEEV RATAN "RAJVANSHI" (advocate), VIKAS VERMA (advo.), MAHESH KUMAR (advo), RAJASWA ABHILEKHAGAR (OLD) KACHERI PARISAR _ UNNAO,
पासी समाज उत्तर प्रदेश (guest)
wrote
13 years ago:
महात्मा फुले एक समतामूलक और न्याय पर आधारित समाज की बात कर रहे थे इसलिए उन्होंने अपनी रचनाओं में किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए विस्तृत योजना का उल्लेख किया है. पशुपालन, खेती, सिंचाई व्यवस्था सबके बारे में उन्होंने विस्तार से लिखा है. गरीबों के बच्चों की शिक्षा पर उन्होंने बहुत ज़ोर दिया. उन्होंने आज के 150 साल पहले कृषि शिक्षा के लिए विद्यालयों की स्थापना की बात की. जानकार बताते हैं कि 1875 में पुणे और अहमदनगर जिलों का जो किसानों का आंदोलन था, वह महात्मा फुले की प्रेरणा से ही हुआ था. इस दौर के समाज सुधारकों में किसानों के बारे में विस्तार से सोच-विचार करने का रिवाज़ नहीं था लेकिन महात्मा फुले ने इस सबको अपने आंदोलन का हिस्सा बनाया. स्त्रियों के बारे में महात्मा फुले के विचार क्रांतिकारी थे. मनु की व्यवस्था में सभी वर्णों की औरतें शूद्र वाली श्रेणी में गिनी गयी थीं. लेकिन फुले ने स्त्री पुरुष को बराबर समझा. उन्होंने औरतों की आर्य भट्ट यानी ब्राह्मणवादी व्याख्या को ग़लत बताया.
फुले ने विवाह प्रथा में बड़े सुधार की बात की. प्रचलित विवाह प्रथा के कर्मकांड में स्त्री को पुरुष के अधीन माना जाता था लेकिन महात्मा फुले का दर्शन हर स्तर पर गैरबराबरी का विरोध करता था. इसीलिए उन्होंने पंडिता रमाबाई के समर्थन में लोगों को लामबंद किया, जब उन्होंने धर्म परिवर्तन किया और ईसाई बन गयीं. वे धर्म परिवर्तन के समर्थक नहीं थे लेकिन महिला द्वारा अपने फ़ैसले खुद लेने के सैद्घांतिक पक्ष का उन्होंने समर्थन किया.
महात्मा फुले की किताब गुलामगिरी बहुत कम पृष्ठों की एक किताब है, लेकिन इसमें बताये गये विचारों के आधार पर पश्चिमी और दक्षिणी भारत में बहुत सारे आंदोलन चले. उत्तर प्रदेश में चल रही दलित अस्मिता की लड़ाई के बहुत सारे सूत्र गुलामगिरी में ढूंढ़े जा सकते है. आधुनिक भारत महात्मा फुले जैसी क्रांतिकारी विचारक का आभारी है.
S.V.M. inter college Puran Nagar,
prateek patel (guest)
wrote
13 years ago:
school pahle aaccha tha ab tooo bas ---------- but some teachers like shivbalakji, dipak ji, badhiya teacher hai but i miss my school days...... and aishwarya mai tunse ba
S.V.M. inter college Puran Nagar,
aishwarya pandey (guest)
wrote
13 years ago:
SVM INTER COLLEGE IS 1 OF THE BEST COLLEGES THAT I HAVE EVER SEEN IN MY LIFE . I WILL MISS MY CLASS MATES AND TEACHERS TOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOO, AND CK SIR IS BEST CLASS TEACHER
S.V.M. inter college Puran Nagar,
d...:-P. chauhan (guest)
wrote
13 years ago:
school accha hai but system purane hai
S.V.M. inter college Puran Nagar,
vaibhav singh (guest)
wrote
13 years ago:
Brajendra sir raj kumar sir sylandra sir is my best teacher in this school
S.V.M. inter college Puran Nagar,
... (guest)
wrote
13 years ago:
Commerce k liye better h... bt.......!?
S.V.M. inter college Puran Nagar,
vaibhav chauhan (guest)
wrote
13 years ago:
Commerce ke lie accha hai
S.V.M. inter college Puran Nagar,
vaibhav chauhan (guest)
wrote
13 years ago:
Good student has good and bad student has bad
Unnao,
asim (guest)
wrote
13 years ago:
unnao is mind bloing city.
S.V.M. inter college Puran Nagar,
V (guest)
wrote
13 years ago:
Gud school
Ben Hur Inter College,
Aviral singh falcon vice captain (guest)
wrote
13 years ago:
It is a very much good school and i have beaten the upss competion.thanks for school staff and specially tabbasum mam
neeraj nigam's house,
NEERAJ NIGAM (guest)
wrote
13 years ago:
HI
Ben Hur Inter College,
aryan tiwari 6A (guest)
wrote
13 years ago:
It is good school in up and stupid of ben hur is JP VERMA.
Ben Hur Inter College,
buddha (guest)
wrote
13 years ago:
it's a fantastic school in unnao
Ben Hur Inter College,
amisha patel (guest)
wrote
13 years ago:
its a very nice school
Kanpur Institute Of Management (KIBM),
FATIMA MIRZA (guest)
wrote
13 years ago:
SITE 7 MEDIA PVT LTD FOR CAMPUS SELECTION
NO 9455957331
maa hans vahini vidya mandir,
anu; (guest)
wrote
13 years ago:
chhote sir wala
Purushuttam Bhavan (SHARMA)Home...:-),
ankita (guest)
wrote
13 years ago:
Unnao recent comments: